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मुंगेर विश्वविद्यालय का ऑल इंडिया अंतर विश्वविद्यालय राष्ट्रीय बॉक्सिंग चैंपियनशिप में शानदार आगाज

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लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, फगवाड़ा, पंजाब द्वारा आयोजित ऑल इंडिया अंतर विश्वविद्यालय राष्ट्रीय बॉक्सिंग प्रतियोगिता 2021-22 में भाग लेते हुए मुंगेर विश्वविद्यालय के दो मुक्केबाजों ने रविवार को अपने-अपने पहले मुकाबले जीत लिए हैं जबकि एक खिलाड़ी को हार का सामना करना पड़ा। 57 किलोग्राम वजन वर्ग में मुंगेर विश्वविद्यालय के रवीश कुमार ने बिलासपुर विश्वविद्यालय के संजय को 5-0 से हराया एवं 67 किलोग्राम वजन वर्ग में मुंगेर विश्वविद्यालय के प्रभु दयाल ने एम.यू.डी.पी.आर विश्वविद्यालय के आशीष को पहले राउंड में नॉकआउट कर दिया। 48 किलोग्राम वजन वर्ग में मुंगेर विश्वविद्यालय के बिलास कुमार को हार का सामना करना पड़ा। मुंगेर विश्वविद्यालय के इस शानदार शुरुआत पर टीम मैनेजर बिपिन कुमार, टीम कोच रमेश कुमार एवं साथी खिलाड़ियों ने खुशी जताई। टीम मैनेजर विपिन कुमार ने यह भी बताया कि मुंगेर विश्वविद्यालय के मुक्केबाज अच्छी फॉर्म में हैं एवं उन्हें उम्मीद है विश्वविद्यालय के मुक्केबाज शानदार प्रदर्शन करेंगे। 

राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लेने हेतु मुंगेर विश्वविद्यालय की बॉक्सिंग टीम बागपत रवाना

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राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लेने हेतु मुंगेर विश्वविद्यालय की बॉक्सिंग टीम बागपत रवाना। उत्तर प्रदेश के सम्राट पृथ्वीराज चौहान पी.जी महाविद्यालय बागपत में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ द्वारा आयोजित ऑल इंडिया अंतर विश्वविद्यालय बॉक्सिंग प्रतियोगिता (पुरुष वर्ग) का आयोजन दिनांक 26 दिसंबर 2019 से 2 जनवरी 2020 तक किया जा रहा है। इस प्रतियोगिता में भाग लेने हेतु मुंगेर विश्वविद्यालय की टीम बागपत के लिए रवाना हुई। टीम में 49 किलोग्राम वजन वर्ग में जमालपुर कॉलेज जमालपुर के अमित कुमार, 52 किलोग्राम वजन वर्ग में आरडी एंड डीजे कॉलेज के सूर्यकांत भारती, 57 किलोग्राम वजन वर्ग में जेआरएस कॉलेज के राकेश कुमार, 60 किलोग्राम वजन वर्ग में जेआरएस कॉलेज के नीतीश कुमार, 63 किलोग्राम वजन वर्ग में जमालपुर कॉलेज जमालपुर के सुनील कुमार, 69 किलोग्राम वजन वर्ग में जेएमएस कॉलेज के ऋषभ राज एवं 75 किलोग्राम वजन वर्ग में आरडी एंड डीजे कॉलेज के रिशु कुमार शामिल हैं। टीम मैनेजर के रूप में जेआरएस कॉलेज के डॉ. सत्यम शिवम सुंदरम एवं टीम कोच के रूप में अमन कुमार टीम के साथ रहेंगे। इस बात की जानकारी देते हु

बिहार बॉक्सिंग के बदहाली की दास्तान भाग 4

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बिहार बॉक्सिंग के बदहाली की दास्तान भाग 4। मित्रों आपने मेरे पिछले लेखों को अधिक से अधिक शेयर किया एवं अपनी बहुमूल्य प्रतिक्रिया दी इसके लिए मैं आप सब का हृदय से आभारी हूं। इसी क्रम में देश के विभिन्न कोणों से मुझे संदेश प्राप्त हुए जिसमें मेरे मित्रों ने यह जानना चाहा कि आखिर राजीव कुमार सिंह की ऐसी क्या मजबूरी है कि वह भारतीय रेल में टीटी होने के अलावा भी विभिन्न खेलों में इतने सारे पदों पर बने हुए हैं साथ ही साथ गैस एजेंसी भी ले रखा है। इसी प्रश्न का उत्तर ढूंढते हुए मैंने अनुसंधान किया जिसके उपरांत मुझे यह पता चला कि यह व्यक्ति नशे का आदी है आमतौर पर लोगों को शराब का या सिगरेट का नशा होता है जिस लत को छुड़ाने के लिए उन लोगों को नशा मुक्ति केंद्र भेजा जाता है परंतु राजीव कुमार सिंह को पैसों का नशा है और दुर्भाग्यवश इस नशे का कहीं भी कोई नशा मुक्ति केंद्र नहीं है जहां हम इनका इलाज करवा सकते हैं। तो चलिए इसी क्रम में राजीव कुमार सिंह के बारे में और भी कुछ बातें जानेंगे। बिहार के खिलाड़ी किसी वजह से राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मुकाबलों में देश के दूसरे राज्यों के मुकाबले पदक जीतने

बिहार बॉक्सिंग के बदहाली की दास्तान भाग 3

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नमस्कार मित्रों जैसा कि मैंने पिछले लेख में राजीव कुमार सिंह का जीवन परिचय दिया था और बताया था यह कैसे विलक्षण गुण संपन्न मनुष्य हैं। तो चलिए आज हम आगे जानते हैं बिहार बॉक्सिंग एसोसिएशन में हो रहे लाखों के घोटालों के बारे में। मित्रों इस खेल को बढ़ावा देने के लिए बिहार सरकार प्रत्येक वर्ष लाखों रुपए का आर्थिक अनुदान बॉक्सिंग एसोसिएशन आॅफ बिहार को देती है जिससे कि बिहार के खिलाड़ियों का कल्याण हो सके परंतु वह पैसा बिहार के खिलाड़ियों तक पहुंच नहीं पाता। उस पैसे का एक रुपया भी बिहार के किसी जिले में राजीव कुमार सिंह द्वारा खर्च नहीं किया जाता है, तो आखिर प्रश्न उठता है वह पैसा जाता कहां है? वह पूरा का पूरा पैसा बॉक्सिंग एसोसिएशन ऑफ बिहार के सचिव राजीव कुमार सिंह फर्जी बिल दिखाकर गबन कर जाते हैं । जो बाॅक्सर नेशनल खेल कर वापस बिहार लौटते हैं उस वक्त उनसे सादे (खाली) कागज पर जबरन हस्ताक्षर करवाया जाता है ताकि खिलाड़ियों का टीए एवं डीए का फर्जी बिल दिखाकर पैसा गबन कर सकें। अगर राजीव कुमार सिंह महाराजा हरिश्चंद्र है तो फिर यह ऐसा नीच काम आखिर क्यों करते हैं? वह इतने पर भी नहीं रुकते हैं य

बिहार बॉक्सिंग के बदहाली की दास्तान भाग- 2

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नमस्कार मित्रों जैसा कि मैंने पिछले लेख में बताया था कि बिहार में बॉक्सिंग खेल की बदहाली के लिए अगर कोई शख्स जिम्मेदार है तो वह है राजीव कुमार सिंह, तो चलिए आज अपने इस लेख में मैं आपको राजीव कुमार सिंह का एक छोटा सा जीवन परिचय देता हूं। जैसा कि आप सब जानते हैं कि यह बॉक्सिंग एसोसिएशन ऑफ बिहार के सचिव हैं इसके अलावा यह बिहार जंप रोप एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं, पटना जिला कबड्डी संघ के सचिव हैं, रेलवे टीम के एन.आई.एस कोच हैं, बिहार कबड्डी टीम के भी कोच हैं, कटिहार और पटना जिला के भी कबड्डी कोच हैं, प्रॉपर्टी डीलर है, भारत गैस एजेंसी के मालिक हैं (धर्म पत्नी के नाम पर एजेंसी लिया है), रेलवे में टीटी के पद पर भी कार्यरत हैं, इतना ही नहीं इसके अलावा एक दर्जन और भी पद हैं जो यह संभाल रहे हैं, यह जानबूझकर ऐसा नहीं कर रहे हैं, यह इनकी मजबूरी है क्योंकि संपूर्ण बिहार में इनके जैसा कोई दिव्य पुरुष आज तक पैदा ही नहीं हुआ है, चूँकि बाकी लोगों में योग्यता नहीं है इसलिए मजबूरी में यह सारे पद संभाल रहे हैं। यह बहुमुखी प्रतिभा के धनी व्यक्ति हैं, मुझे तो आश्चर्य होता है कि एक जीवन काल में कोई इतना विलक

बिहार बॉक्सिंग के बदहाली की दास्तान

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बिहार बॉक्सिंग के बदहाली की दास्तान। मित्रों आज बिहार का बॉक्सिंग खेल अपनी बदहाली का सबसे निम्नतम दौर से गुजर रहा है और इस बदहाली के लिए अगर कोई शख्स जिम्मेवार है तो वह है सिर्फ और सिर्फ बॉक्सिंग एसोसिएशन ऑफ बिहार के सचिव राजीव कुमार सिंह। यह बदहाली इतनी बड़ी है कि इसके बारे में सिर्फ एक लेख में व्याख्या कर पाना नामुमकिन है इसलिए मैंने यह तय किया है कि अपने लेख को श्रंखला में कर प्रत्येक 2 से 3 दिन में एक एक कर आपके समक्ष प्रस्तुत करूंगा। आप से विनम्र निवेदन है कि इन लेखों को जरूर से पढ़ें और आप अपनी राय कमेंट बॉक्स में भी लिख सकते हैं लेकिन मैं जानता हूं मेरे बहुत से मित्रों के लिए यह असहज स्थिति पैदा कर सकती है इसीलिए आप अपनी राय मेरे इनबॉक्स में लिखें यह मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण होगा एवं इसे पूर्णतः गोपनीय रखा जाएगा।  धन्यवाद।

मुंगेर के बॉक्सिंग रिंग में लिखी जा रही है दंगल की पटकथा।

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